इंसानियत का खौफनाक रूप

आज फिर इंसानियत हुई शर्मसार
पहले श्रद्धा और अब रुबिका हुई हैवानियत का शिकार
प्रेम की परिभाषा बदल गई आज
प्रेम की सजा देने लगे आफताब और दिलदार 
लिखने में शर्म आ रही आज
 प्रेम -भावना बनी मजाक आज
 दिल में गुस्सा अपार
आंखों से बहती जा रही अश्रु- धार 
इन हैवानों को फांसी दे सरकार
ताकि फिर ऐसी हरकत ना करें कोई हैवान

संजना पोरवाल

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