आज फिर इंसानियत हुई शर्मसार
पहले श्रद्धा और अब रुबिका हुई हैवानियत का शिकार
प्रेम की परिभाषा बदल गई आज
प्रेम की सजा देने लगे आफताब और दिलदार
लिखने में शर्म आ रही आज
दिल में गुस्सा अपार
आंखों से बहती जा रही अश्रु- धार
इन हैवानों को फांसी दे सरकार
ताकि फिर ऐसी हरकत ना करें कोई हैवान
संजना पोरवाल
Thank You for giving your important feedback & precious time! 😊