हमारी योजना हमारा विकास” की प्रक्रिया को प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में
वर्ष 2015-16 से लागू किया गया है। ग्राम पंचायतों द्वारा सहभागी नियोजन से
तैयार की गई वार्षिक कार्ययोजना, संसाधनों के बेहतर प्रबंधन एवं विभिन्न
संसाधनों के अभिसरण (कनवर्जेन्स) पर आधारित है।
ग्राम पंचायतो की विकास योजना का उद्धेश्य ग्राम पंचायतो को सामाजिक, आर्थिक
एवं वैयक्तिक विकास की दिशा में प्रगतिशील करना एवं समुदाय को निर्णय लेने में
सक्षम बनाना है।
ग्राम पंचायत विकास योजना- क्यों ?
1. ग्राम पंचायतों का समान सामाजिक, आर्थिक एवं वैयक्तिक विकास
2. समुदाय को निर्णय लेने हेतु सक्षम बनाना।
3. विकास कार्यो में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्वों में बढ़ोत्तरी।
4. सहयोगी नियोजन एवं संसाधनों के अभिसरण को बढ़ावा।
5. वंचित वर्गो की आवश्यकता के साथ सामाजिक सुरक्षा को प्रमुखता से सम्मिलित
करते हुए अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति के कल्याण को प्राथमिकता।
6. नियोजन की प्रक्रिया को मांग आधारित बनाना।
ग्राम पंचायत विकास योजना निर्माण के पांच चरण
1. पहला चरण- वातावरण निर्माण।
2. दूसरा चरण- पारिस्थितिकीय विशलेषण।
3. तीसरा चरण- आवश्यकताओं/समस्याओं की पहचान एवं प्राथमिकता निर्धारण।
4. चैथा चरण- ग्राम पंचायत विकास योजना के लिये संसाधनों का निर्धारण एवं
ड्राफ्ट प्लान का विकास।
5. पांचवा चरण- तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति।
ग्राम पंचायत विकास योजना- कैसे ?
ग्राम पंचायत विकास योजना (जी.पी.डी.पी.) के अन्तर्गत ग्राम सभाओं की बैठक के
माध्यम से जनसमुदाय की आवश्यकताओं का चिन्हीकरण एवं प्राथमिकीकरण कर, विभिन्न
स्त्रोतों एवं योजनाओं से उपलब्ध होने वाले संसाधनों को समेकित कर सहभागी
नियोजन द्वारा वार्षिक एवं पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार की जाती है। इस प्रकार
तैयार की गई वार्षिक कार्ययोजनाओं को पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार के
साॅफ्टवेयर-‘प्लान-प्लस’ पर अंकित जाता है। तत्पश्चात क्रियान्वयन से
सम्बन्धित साॅफ्टवेयर- ‘एक्शन -साॅफ्ट’ पर प्रत्येक वर्क आई.डी. के सापेक्ष
तकनीकी एवं प्रशासनिक अनुमोदन के उपरान्त भौतिक एवं वित्तीय प्रगति अंकित की
जानी है।
ग्राम पंचायतों के समग्र विकास के लिए बनेगी कार्ययोजना
जन योजना अभियान के संबंध में शुक्रवार को गाधी सभागार में बैठक में
मंडलायुक्त आर रमेश कुमार ने ग्राम पंचायतों के समग्र विकास के लिए हमारी
योजना हमारा विकास के आधार पर सभी संबंधित विभागों को ग्राम पंचायत की
आवश्यकता के अनुरूप कार्ययोजना बनाने का निर्देश
जन योजना अभियान के संबंध में शुक्रवार को गाधी सभागार में
बैठक में मंडलायुक्त आर रमेश कुमार ने ग्राम पंचायतों के समग्र विकास के लिए
हमारी योजना हमारा विकास के आधार पर सभी संबंधित विभागों को ग्राम पंचायत की
आवश्यकता के अनुरूप कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने मत्स्य
पालन, वर्मी कंपोस्ट, पशुधन विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, ग्राम विकास सहित
अन्य विभागों को ग्राम पंचायत की आवश्यकता के अनुरूप कार्ययोजना बनाने का
अन्य विभागों की योजना भी अभियान में शामिल
उप निदेशक पंचायतीराज ने बताया कि पंचायतीराज मंत्रालय के निर्देशानुसार
वित्तीय वर्ष 2020-21 की वार्षिकी कार्ययोजना, ग्राम पंचायत विकास योजना को
तैयार करने के लिए दो अक्टूबर से 31 जनवरी, 2021 तक जन योजना अभियान का संचालन
किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अन्य विभाग की कार्ययोजना भी अभियान में
शामिल होगी। इस वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना में संरचनात्मक या निर्माण के
कार्यो के साथ-साथ कम लागत और बिना लागत वाले कार्यो को भी शामिल किया जाएगा।
ग्राम सभा की दो बैठक जरूरी
वार्षिक कार्ययोजना तैयार करने के लिए सभी ग्राम पंचायत की ओर से ग्राम सभा की
दो बैठक करना जरूरी है। पहली बैठक में ग्राम विकास विभाग की ओर से सर्वेक्षण
रिपोर्ट, प्रस्तुतीकरण, वित्तीय समेत अन्य उपलब्ध संसाधनों का विवरण व
चिन्हीकरण किया जाएगा। इसके बाद ग्राम पंचायत के वित्तीय संसाधन के अनुसार,
आवश्यकताओं को शामिल करते हुए ड्राफ्ट कार्ययोजना तैयार कर उसका ग्राम सभा की
दूसरी बैठक में अनुमोदन किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आशीष
कुमार, मंडलीय उप निदेशक पंचायतीराज जयदेव त्रिपाठी, उप निदेशक कृषि विनोद
कुमार समेत मंडल के सभी जिलों के जिला पंचायतराज अधिकारी शामिल रहे।
विकास के लक्ष्य किए गए निर्धारित
उप निदेशक पंचायतीराज ने बताया कि सतत विकास के लक्ष्य निर्धारित किए गए है।
इसमें सब जगह गरीबी का उसके सभी रूपों में अंत करना, भूखमरी समाप्त करना,
स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन तंदरुस्ती को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना और सभी के लिए
आजीवन शिक्षा प्राप्ति के अवसर को बढ़ावा देना, लैंगिक समानता को हासिल करना
और सभी महिलाओं व बालिकाओं का सशक्तिकरण करना, सभी के लिए जल और स्वच्छता की
उपलब्धता सुनिश्चित करना, किफायती, भरोसेमंद, सत्त व आधुनिक ऊर्जा की उपलब्धता
सुनिश्चित करना, जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभाव से बचाव के लिए तत्काल कदम
उठाना, पारिस्थतिकीय तंत्रों का संरक्षण करना, सतत विकास के लिए शातिपूर्ण और
समावेशी सोसाइटी को बढ़ावा देना, सभी को न्याय उपलब्ध कराना और सभी स्तरों पर
कारगर, जवाबदेह और समावेशी संस्थाओं को निर्माण करना है।
अनुराग तिवारी