आओ हम सब मिलजुलकर दीपावली मनायें
हर्षित मन से प्रकाश का एक दीप जलायें
दीपों की शृंखला - घी - तेल की बाती
पर न किरोसीन तेल जलायें
आओ हम सब मिलजुलकर दीपावली मनायें।
चलो इस दीपावली एक कसमें खायें कम से कम प्रदूषण फैलायें।
चीनी वाली रसगुल्ले की जगह गुड़ के रसगुल्ले खायें
आपस में प्यार के फूल खिलाएं
आओ हम सब मिलजुलकर दीपावली मनायें।
बुजुर्ग माता-पिता व पत्नी - बच्चों के संग फूलझडी जलायें
मेवा - मिष्ठान खूब जमकर खायें-खिलायें
मन के मैल को मिटायें
आओ हम सब मिलजुलकर दीपावली मनायें।
चलो इस दीपावली एक और कसमें खायें
गरीबों व लाचारों के जीवन में
प्रकाश का एक दीप जलायें
उनकी उन्नति का मार्ग बनायें
आओ हम सब मिलजुलकर दीपावली मनायें।
स्मोकलेस पटाखे बनायें व चलायें
ऐसी अविष्कार की भी कसमें खायें
ईको फ्रेंडली मिट्टी वाले दीये ही जलायें
साथ में माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद पायें
आओ हम सब मिलजुलकर दीपावली मनायें।
दोस्तों संग न खेलें जुआ - कौड़ी
ऐसी भी एक कसमें खायें
न हो कोई नशा का स्थान और
न हो किसी दूर्व्यसन का शिकार
आओ हम सब मिलजुलकर दीपावली मनायें।
जग ज्योत जीवन ज्योत से मीठे गीत गुनगुनाये
मिलने वालों के बीच मुस्कराहट की आभा बिखेरें
प्यार का एक जाम पिलायें
दिल देना - लेना सिखायें
आप सभी को दीयों के उत्सव पर्व दीपावली की अनंत शुभकामनाएं।
-अजीत सिन्हा
(स्व रचित)
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