भारत में बढ़ता भ्रष्टाचार

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज में रहता है। जिस प्रकर मनुष्य को अपने परिवार के प्रति कुछ कर्तव्य होता है, उसी प्रकर समाज के प्रति भी कुछ कर्तव्य होता है। इन कर्तव्यों को करना ही समाज सेवा है। लेकिन, प्रत्येक व्यक्ति समाज के बारे में नहीं सोचता है। वह केवल अपने और अपने परिवार के बारे में सोचता है। ऐसे व्यक्ति को आसमाजिक कहा जाता है।
 हमारे समाज में कुछ ऐसे लोग हैं, जो सच में सामाजिक कार्य करते है। एक सच्चा सामाजिक कार्यकर्ता सब लोगो के साथ एक समान भलाई का कार्य करता है। वह स्वार्थरहित रहता है और उसे अपनी सेवा के लिए किसी पुरस्कार या अवार्ड की जरूरत नहीं होती है वह इसका लाभ लेना नहीं चाहता है बल्कि समाज को लाभ दिलाना चाहता है।
 हमारे देश में बहुत सारी सामाजिक समस्याएं है जो हमारे भारत देश के विकास में बाधा बनी हुई है। ये सब समस्या समाज द्वारा वह पैदा हुआ है जैसे लोगो द्वारा जगह- जगह कूड़ा- कचरा करके सड़क और गालियों को गंदा करना, नदियो को गंदा करना, छुआ- छूट की भावना पैदा करना, जात- पात की भेद भावना उत्पन्न करना, कानूनों के नियमों का उलंघन करना, समाज में बुराई फैलाना आदि। ऐसे लोग अपने समाज से प्यार नहीं करते हैं उन हर प्रकार से दुषित करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
 अच्छे नागरिक का कर्तब्य होता है की वह अपने देश को साफ सुथरा रखें, हर प्रकर की गन्दगी से दूर रखे, कानून के नियमो का पालन कर अपने आस पास के माहौल को किसी भी प्रकर से दुसित होने से बचाये जिससे धीरे धीरे सारा देश स्वच्छ भारत देश बन कर निकले। 
हमें हमारी नदियों को प्रदुषित होने से बचाना चाहिए, जल को खराब होने से बचाना चाहिए आदि ,, कार्य समाज के हित के लिए होते हैं।

 क्यूंकी जब होगा हमारा देश स्वच्छ ,
तब भी बनेगा भारत नंबर एक।। 


                                                - Anju
                                  Musafirkhana, Amethi 
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