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    *जय श्रीगंगा

    *जय श्रीगंगा*
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    सुरसरि धेनुमती मंदाकिनि कलिमल हारिणी श्रीगंगा।
     जटाशंकरी पापमोचनी भव भय तारणी श्रीगंगा।।
    कलकल उर्मी भव्य तरंगिनी सतत प्रवाहित भागिरथी ,
    प्रखर ताप हर दनुज बिदारो, पुण्य धारिणी श्रीगंगा।।

    *डॉ प्रखर दीक्षित*
    *फर्रुखाबाद*

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