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    गजल

    ** गजल*** 

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    पैसा कमा पाए नहीं पैसा बनाना आगया
    मन तो मैला ही रहा तन को सजाना आगया।

    कोई कुछ कहता रहे बस काम बनना चाहिए
    वक्त का अंदाज है बस ये बस ये बहाना आगया।

    फायदे के वास्ते सब कायदे गुम हो गए
    फूल मतलब के खिला कर मुस्कुराना आगया।

    अब शराफत और लियाकत फैशनेबल हो गई
    नीचे गिर करके भी अपना सर उठाना आगया।,,,गोपी साजन

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