आज मेरे लिए तुम पकौड़े तलो
मेरी जाँ जानता तुमकों आते नहीं
छोटे छोटे या पतले या चौड़े तलो
आओ दोनों करें मिलके तैयारी जी
मन बहल जायेगा चाहे थोड़े तलो
यूँ तो तलते पकौड़े कई तरह से
तुम नरमा नरम या हथौड़े तलो
काट लो ब्रेड को दिल के आकार का
अब तलो दिल अकेला या जोड़े तलो
© सचिन गोयल
गन्नौर शहर,सोनीपत, हरियाणा