हमने भी कहाँ हार मानी है
अभी तो शीखी भरनी उडान है
अभी तो कईं बडी़ उडान
भरनी बाकी है
गिर गये है रणभूमि में
छूट गयी शमशीर हाथों की
फिर भी हार कहाँ मानी है
दूर है जीत के
हार को करीब से जानी है
अब बाकी लड़ाई खाली
हाथ और दृढ मनोबल से
करनी ठानी है....
हमने सुनी,
महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, झांसी की रानी, भगत सिंह, चंन्द्र शेखर आजाद की शौर्य, त्याग और बलिदान की कहानी है ...
Makvana Dilipkumar kirtikumar
Bhut Acha
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