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    डॉ. भीमराव अंबेडकर

                   ........जय भीम........

    ये उन दिनों की कहानी हैं मेरे बाबा को सलामी हैं
    सुनलो तुक्छ कहने वाले यह दलितो की निशानी हैं

    छी छी कहते हैं ब्राह्मण ये तेरी घटिया जुबानी हैं
    अब नहीं करेंगे तेरे गुलामी यह हम सबने ठानी हैं

    जिसने तरसा बूंद बूंद के लिए वह तो थोड़ी पानी हैं
    दुनिया के इस भेद भाव को बाबा ने तभी जानी हैं

    अब लोगों में समानता लानी हैं बाबा की यहीं वाणी हैं
    इस प्यारे वतन से हमको निम्न सोच को हटानी हैं

    कर्म से बड़ा धर्म नहीं यह हमकों बात बतानी हैं
    संविधान से चलती हैं दुनिया यही इनकी रूहानी हैं

    जाग जाओ वो मेरे भाई यह मेरे बाबा की तो जिंदगानी हैं
    जय भीम का नारा अब हमकों लगानी हैं.......

    लगानी हैं लगानी हैं...........

    हमारे भगवान स्वरूप हम सबके मसीहा
    स्वर्गीय डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को
      कोटि कोटि नमन एवं चरण स्पर्श
              
                जय भीम जय भीम
    Sanjay kumar dhurwe

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