कोई परिणाम नहीं मिला

    हिंदू धर्म

    मनुष्य जगत मे कई अलग-अलग धर्म (पंथ) है। जिसमे हिन्दू, मुस्लिम ( इस्लाम 
    धर्म), सिक्ख, ईसाई, बौद्ध धर्म

      तथा जैन प्रमुख धर्म माने जाते है। इस दुनिया का तीसरा बड़ा धर्म है। हिन्दू 
    धर्म को सनातन धर्म भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म सबसे प्राचीन धर्म माना जाता 
    है।

    जनश्रुति के अनुसार माना जाता है। कि इस धर्म की उत्पति मानव की उत्पति से 
    पूर्व मे हुए थी। वैदिक मान्यताओं के अनुसार इस धर्म की उत्पत्ति 1500 ई.पू. 
    पहले हुई थी। इसलिए इस धर्म को वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म के नाम से भी जाना 
    जाता है।


    हिन्दू धर्म का संस्थापक कौन है? यह आज भी विवाद बना हुआ है। इस धर्म को 
    विद्वान लोगो का धर्म भी माना जाता है। इस धर्म मे भारत की संस्कृतियों और 
    परम्पराओं का मिश्रण होने के कारण ये धर्म सबसे प्रसिद्ध धर्म है।

    हिन्दू धर्म क्या है? What is Hinduism?

    हिन्दू धर्म एक ईश्वरवादी धर्म होने के बावजूद भी इस धर्म के लोग कई सारे 
    देवी-देवताओ को मानते है। तथा उनकी पुजा करते है। इस धर्म के अनुनायी भारत के 
    अलावा नेपाल तथा मॉरीशस मे भी अत्यधिक संख्या मे पाये जाते है.

    इस धर्म को वेदो का आधार माना जाता है। इसलिए इसे वैदिक धर्म भी कहते है।
    हिन्दू धर्म एक प्रचलित धर्म है। हिन्दू धर्म को इण्डोनेशिया देश मे हिन्दू 
    आगम के नाम से भी जानते है।

    यह एक धर्म के साथ-साथ हमारे लिए जीवन की रह दिखाने वाला धर्म है। इस धर्म को 
    सबसे लोगप्रिय धर्म भी माना जाता है। कई लोगो ने अपने धर्म को छोड़कर इस धर्म 
    को अपनाया इस धर्म के लोग वैष्णव (विष्णु भगवान के भक्त) तथा शैव (भगवान शिव 
    के भक्त) के भक्त है। हिन्दू धर्म के लोग अपने कर्म को सिद्धान्त मानते है


    दुनिया का प्रथम पुस्तक वेदो को माना जाता है। वेदो को सम्पूर्ण संसार मे 
    मान्यता प्राप्त है। लोगो की मान्यता के अनुसार इस धर्म का निर्माण वेदो के 
    लिखित कथनो के अनुसार इस धर्म का निर्माण किया गया था। इसलिए इस धर्म को वैदिक 
    धर्म भी कहा जाता है।

    पौराणिक हिन्दू धर्म की विशेषताएं
    हिन्दू धर्म की और दृष्टि लगाने पर लोगों का ध्यान मन्दिर पाठ, पूजा और 
    मान्यताओं की आकर्षित होता है। जैसे टीका लगाने चोटी रखने और हर रोज मंदिर 
    जाने वाला व्यक्ति ही हिन्दू धर्म का होता है।

    हिन्दू धर्म के लोगो की अनेक विशेषताए होती है। उनके आधार पर हम हिन्दू की 
    पहचान कर सकते है। धर्म का हम अर्थ निकले तो धर्म का अर्थ धर्म इति धार्यते 
    (जिसे धरण किया जा सके) अर्थात इसे धरण करे वही धर्म है

    पौराणिक (जिसका उल्लेख पुराण में हुआ हो।) हिन्दू धर्म मे प्रमुख परम्पराएं 
    प्रचलित थी। जिसमे एक वैष्णव तथा दूसरी शैव थी। वैष्णव (भगवान विष्णु) को सबसे 
    प्रमुख देवता माना जाता था।

    शैव (शिव)को परमेश्वर माना जाता था। इस प्रकार आराधना में उपासना ईश्वर के बीच 
    का संबंध प्रेम और समर्पण का सम्बन्ध माना जाता हैं। जिसे आज हम भक्ति कहते 
    है। भक्ति हिन्दू धर्म की प्रमुख विशेषता है।

    वेद की उत्पत्ति कैसे हुई? How Did Veda Originate?
    वेद को हिन्दुओ का सबसे पवित्र ग्रंथ माना जाता है। वेदो की उत्पति ब्रह्माजी 
    ने की थी। वेदो के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी देवो के देव महादेव (भगवान शिव) 
    के पास थी।

    महादेवजी ने अपने ज्ञान को ब्रह्माजी के सामने प्रस्तुत किया और ब्रह्माजी ने 
    वेदो का ज्ञान ऋषि-मुनियों को दे दिया और उन्होने लेखन करके चार वेदो की रचना 
    की थी।

    हिन्दू धर्म का इतिहास History Of Hinduism

    सबसे प्राचीन धर्म हिन्दू धर्म है। लेकिन इस धर्म का इतिहास विवादस्पद की 
    स्थिति से घिरा हुआ है। इस पर कई वैज्ञानिको ने अपने मत दिये परंतु आज तक इसके 
    इतिहास का कोई सबूत नहीं मिला है।

    आधुनिक वैज्ञानिको के आधार पर इस धर्म की उत्पति 4 हजार वर्ष पहले हुई थी। 
    सिंधु घाटी सभ्यता मे हिन्दू धर्म के सबूत मिले है। सिंधु घाटी सभ्यता के समय 
    देवी-देवताओ की मूर्तिया मिली थी। कहा जाता है। कि सिन्धु सभ्यता के समय आर्य 
    समाज समाज के लोग थे।


    श्रुति और स्मृति क्या है? What is Shruti and Smriti?


    हिन्दू धर्म मे ग्रंथो को दो भागो मे बांटा गया है। जिसे श्रुति और स्मृति 
    कहते है। स्मृति की तुलना मे श्रुति को बड़ा ग्रंथ माना जाता है। श्रुति मे 
    बदलाव बदलाव नहीं किया जा सकता है। वेद श्रुति के अंतर्गत आते है। तथा स्मृति 
    मे बदलाव किया जा सकता है।

    स्मृति के अंतर्गत रामायण, महाभारत, श्रीमद भगवद्गीता, पुराण-18, मनुस्मृति, 
    धर्म शास्त्र, आगम शास्त्र, भारतीय दर्शन के भाग-सांख्य, योग, वैशेषिक, 
    मीमांसा और वेदांत आदि स्मृति के भाग है।

    हिन्दु धर्म के प्रमुख ग्रंथ Major texts of Hinduism

    वैदिक काल के समय आर्य समाज के लोगो ने संस्कृत में वैदिक मंत्रो को लिखना 
    आरंभ किया था। माना जाता है। कि इन लोगो ने वेदो को चार भागो मे बांटा था।
    char%2Bved%2Bpaint
    ऋग्वेद
    सामवेद
    यजुर्वेद
    अथर्ववेद
    वेदो मे सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद को माना जाता है। हिन्दू धर्म का वेद और 
    उपनिषद अनादि हैं। भारत देश मे अनेक विद्वान ऋषि हुए। जिन्होने अपने ज्ञान से 
    अलग-अलग ग्रंथो का निर्माण किया था।

    अपने ज्ञान से लोगो कि विशेषता, गुणवता, लोगो का देवताओ के प्रति प्रेम भाव 
    तथा उनके पहनावे के आधार पर एक अलग धर्म का निर्माण कर दिया। इस समय आधुनिक 
    हिन्दू धर्म की स्थापाना हुई थी।

    जिसके बाद नए देवी-देवताओ को पूजने लगे। प्रत्येक वेद को चार भागो मे बांटा 
    जाता है। जिसमे- संहिता मन्त्र, ब्राह्मण ग्रन्थ, आरण्यक और उपनिषद आदि। वेद 
    के भाग होते है।

    जीवन में धर्म का महत्व Importance of religion in life

    वर्तमान मे विश्व मे अनेक धर्मो का उदय हुआ है। संसार मे कई प्रचलित धर्म है। 
    जिसमे हिन्दू धर्म एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक व्यक्ति का अपना 
    धर्म होता है।

    आज के जमाने मे एशिया विभिन्न प्रकार के धर्म प्रचलित है। प्रत्येक धर्म के 
    अपने अलग-अलग नियम होते है।
    धर्म से संबन्धित भेदभाव एक बहुत बड़ी समस्या की बात है।

    हमे अपना मानव को अपना धर्म मानना चाहिए। न कि हिन्दू- मुस्लिम (इस्लाम)या 
    सिक्ख,ईसाई हमे धर्म के प्रति भेदभाव नहीं करना चाहिए।

    एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के प्रति भेदभाव को मिटाते हुए। हमे भाईचारे तथा 
    इंसानियत को ज्यादा महत्व देना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को अपना आचरण कुछ इस 
    प्रकार होना चाहिए।
    प्रत्येक मानव के लिए प्रेमभाव प्रकट करना चाहिए।
    प्रत्येक व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
    हमेशा अच्छे व्यक्ति का आचरण करना चाहिए।
    खुद को सहनशील बनाए।
    सभी का कल्याण करना चाहिए।
    सभी के साथ दया का भाव प्रकट करना चाहिए।
    दानशील बनें।
    अच्छे व्यक्ति से मित्रता करना चाहिए।
    दुनिया के सबसे बड़े तीन धर्म

    दुनिया का सबसे बड़ा धर्म (सबसे ज्यादा अनुनायी वाला धर्म) कौनसा है? इस दुनिया 
    का सबसे बड़ा ईसाई धर्म है। जिसके अनुनायी विश्व के अधिकांश हिस्से मे पाये 
    जाते है। दुनिया की सम्पूर्ण आबादी का 31 प्रतिशत भाग ईसाई धर्म का है।

    दुनिया का दूसरा बड़ा धर्म कौनसा है? ईसाइयो के बाद दुनिया सा दूसरा सबसे बड़ा 
    धर्म इस्लाम धर्म (मुसलमान) है। इसके अनुनायी दुनिया के अनेक भागो में कुल 1.6 
    अरब फैले हुए हैं।

    दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म कौनसा है? हिन्दू धर्म को तीसरा सबसे बड़ा धर्म 
    के रूप मे माना जाता है। जिसके अनुनायी एशिया के कई देशो से है। इस धर्म को 
    सबसे पवित्र धर्म भी माना जाता है।
    हिन्दुस्तान शब्द की उत्पति Origin of the word Hindustan
    प्राचीन ऋषि मुनियों तथा जनश्रुति के अनुसार भारत को हिन्दुस्थान का नाम दिया 
    गया था। हिन्दू शब्द की उत्पति भारत की प्रमुख सभ्यता सिन्धु घटी सभ्यता तथा 
    भारत के प्रहरी हिमालय के नाम से मिलकर बना है।

    हिन्दुस्थान शब्द का प्रथम अक्षर हि है। जिसे हिमालय से लिया गया है। तथा न्दु 
    शब्द की सिन्धु से लिया गया है। स्थान लगाने का कारण है। यहाँ पर हिमालय तथा 
    सिन्धु घाटी सभ्यता है। बाद में इसी हिन्दुस्थान को हिंदुस्तान का नाम दिया 
    गया था।

    आज के लोगो के मान्यता के अनुसार हिन्दुस्थान का नाम हिन्दुओ के स्थान से बना 
    है।यहाँ अधिकांश संख्या में हिन्दू रहते थे।जिनके कारण ये हिन्दुस्तान कहलाया 
    था।

    वैदिक धर्म का लोग अनुसरण कर रहे थे. लोगो ने ज्ञान प्राप्त कर पता लगाया 
    कि 'स' की ध्वनी ईरानी भाषा की है. इसलिए इसे 'स' के स्थान पर 'ह' लगा दिया. 
    यानि सिन्धु शब्द ने हिन्दू के रूप में परिपर्तित कर दिया था.

    हिन्दू धर्म के संप्रदाय Sects of Hinduism

    हिन्दू धर्म से सबंधित कई विचार प्रकट किए जाते है। इस धर्म का एक सिद्धांत 
    है। जिस सिद्धांत के आधार पर इस धर्म को हिन्दू धर्म मानते है। हिन्दू धर्म के 
    वेदो के अनुसार सभी प्राणियों मे भगवान का निवास होता है। हिन्दू धर्म के लोगो 
    की विशेषता उनके कर्म से उन्हे हिन्दू कहा जा सकता है। हिन्दू धर्म के चार 
    प्रमुख सम्प्रदाय बताए गए है।
    स्मार्त –हिन्दू धर्म के लोग भगवान को एक ही मानते है। और उनके अलग-अलग रूपो 
    को भी मानते है।
    शाक्त – हिन्दू धर्म के लोग देवो के साथ देवियो का भी पुजा करते है। उन्हे 
    मानते है।
    शैव – हिन्दू लोग भगवान शिव (भगवान शिव)के भक्त होते है। जो कि अधिकांश अन्य 
    धर्म के लोग शिव भगवान को नहीं मानते हैं।
    वैष्णव – जो भगवान विष्णु को मानते है।
    हिन्दू धर्म के सिद्धांत Principles of Hinduism
    हिन्दू धर्म के संप्रदाय तथा सिद्धांत समान ही होते है। लोगो के विवादो को 
    सुलझाने के लिए संप्रदाय तथा सिद्धांतों को अलग-अलग रूप से समझाया गया है। जो 
    निम्न प्रकार से हैं-
    भगवान (ईश्वर) एक ही होता है। उनके अलग-अलग नाम तथा उनके अलग-अलग अवतार होते 
    है।
    ब्रह्म तत्व सबसे प्रचलित है। जो कि सम्पूर्ण विश्व में विद्यमान है।
    ईश्वर से हमे प्रेरणा मिलती है। जिससे हमे उनका अनुसरण करना चाहिए।
    स्त्रीयो (नारी) का सम्मान करना चाहिए। क्योकि स्त्री को लक्षमी माना जाता है।
    हमेशा परोपकार (दूसरों का भला) करना चाहिए। किसी के साथ बुरा व्यवहार नहीं 
    करना चाहिए।
    सभी के साथ प्रेमभाव तथा अच्छा आचरण रखना चाहिए।
    जो हमारे लिए परोपकार करे। उनसे प्रेम करना चाहिए।
    आत्मा अजर आज भी अमर है।
    अच्छे के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। बुरे के साथ बुरा नहीं।
    गायत्री मन्त्र को सबसे प्रचलित सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
    सभी धर्म के लोगो का सम्मान चाहिए।
    हिन्दू धर्म का कोई भी व्यक्ति गाय का मांस नहीं खाता है। हिन्दुओ के लिए ये 
    वर्जित है।
    हिन्दू धर्म की रक्षा तथा उनकी उपस्थिति दर्ज करने के लिए समय-समय पर 
    किसी-न-किसी रूप मे भगवान इस दुनिया मे अवतार लेते है। तथा सभी का कल्याण कर 
    इस धर्म का सम्मान बढ़ाते है।
    हिन्दू धर्म के प्रमुख देवी-देवता Major deities of Hinduism
    वर्तमान मे हिन्दू धर्म के अनेक देवी-देवता है। परंतु हिन्दुओ के प्रमुख देवता 
    सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति ब्रह्मा जी को माना जाता है। इन्हे हिन्दू धर्म के 
    पांच प्रमुख देवता के रूप मे मानते हैं। जिसे पंच देव भी कहते है.

    देवताओ ने अलग-अलग रूप मे इस दुनिया मे अवतार लेकर सभी का कल्याण किया था। पंच 
    देवताओ के अनेक अवतार माने गए है। जिनमे- भगवान श्री राम,श्री हनुमान,भगवान 
    श्री कृष्ण,भगवान गणेश,दुर्गा,महालक्ष्मी(धन की देवी),माँ सरस्वती विद्या की 
    देवी गंगा देवी,रामदेवजी,वीर तेजाजी ,गोगाजी,पाबूजी,इन्द्र आदि शामिल है।

    देवताओ का गुरु बृहस्पति को माना जाता है। भगवान शिव की दृढ़ तपस्या के बाद 
    इन्हे देवताओ का गुरु माना गया था। दानवो का गुरु शुक्राचार्य को माना जाता है।

    हिन्दुओ के प्रमुख धार्मिक स्थल Major religious places of Hindus

    धार्मिक स्थल- धार्मिक स्थल के शब्द से ही हम पहचान कर सकते है। वह स्थान जहाँ 
    धर्म संबंधी कार्य किये जाते हैं।यानि धर्म किया जाने वाला स्थान ही धार्मिक 
    स्थल होता है। प्रत्येक धर्म के अपने-अपने धार्मिक स्थल होते है। हिन्दू धर्म 
    के प्रमुख धार्मिक स्थान निम्न है-
    हरिद्वार, मणिकर्ण,कनखल, ऋषिकेश
    यमुनोत्री, गंगोत्री, गोमुख, केदारनाथ
    बद्रीनाथ मन्दिर,देवप्रयाग,जोशीमठ
    तपोवन,हेम कुंड/हेमकुंड,वैष्णो देवी
    श्रीनगर,अमरनाथ
    भारत मे सबसे प्रचलित धार्मिक स्थलो मे हिन्दुओ के धार्मिक स्थल सबसे 
    सर्वश्रेष्ठ है। सबसे ज्यादा हिन्दू मान्यता अपने धार्मिक स्थलो को देते है। 
    सबसे ज्यादा हिन्दू अपने धार्मिक स्थल पर एकत्रित होते है। और वह पर अपना 
    कल्याण करने के लिए जाते है।
    हिन्दुओ के चार धाम Char Dham of Hindus
    हिन्दुओ का चार धाम बद्रीनाथ (भगवान बद्रीनारायण का ये धाम उत्तराखण्ड के 
    चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है।), रामेश्वरम (तमिलनाडु के 
    रामेश्वरम मे स्थित है।),

    पूरी जगन्नाथ (ये धाम जगन्नाथ जी महाराज का है। जो कि ओडिशा राजी मे स्थित है) 
    और द्वारिका (गुजरात राज्य के देवभूमि द्वारका ज़िले में स्थित) पीठ को माना 
    जाता है। ये हिन्दुओ के सबसे प्रमुख धाम है। यहा पर हर समय भीड़ छाई रहती है। 
    इन्हे भारत के प्रमुख रत्न भी कहा जाता है।

    हिन्दुओ के चार वर्ण Four letters of hindu
    हिन्दुओ की सामाजिक विभाजनता का आधार वर्ण-व्‍यवस्‍था है। ग्रंथो के अनुसार 
    हिन्दू समाज को चार वर्णो मे विभाजित किया गया है। जो कि निम्नलिखित है- 
    ब्राह्मण, क्षत्रीय, वैश्य और शूद्र आदि।

    ब्राह्मण (Brahmin) -ब्राह्मण वर्ण को सबसे श्रेष्ठ वर्ण माना जाता है। ये 
    वर्ण सबसे श्रेष्ठ वर्ण भी होता है। ब्राह्मण शब्द दो शब्दो से मिलकर बना है। 
    ब्राह्म+रमन जिसका अर्थ होता है।

    ब्राह्मा का रमन ही ब्राह्मण होता है। ब्राह्मण अपने ज्ञान तथा आध्यात्मिकता 
    के लिए प्रसिद्ध होता है। ब्राह्मण नाम का अर्थ होता है। ईश्वर का ज्ञाता। 
    यानि ईश्वर को जानने वाला ब्राह्मण होता है।

    एक ब्राह्मण का वेद पढ़ना, शिक्षा ग्रहण करना तथा ज्ञानी पंडित होने पर उपदेश 
    देना। यज्ञ करना इनका प्रमुख कार्य था। माना जाता है। कि लंका का राजा रावण 
    भी एक ब्राह्मण वर्ण का था।

    क्षत्रिय (Kshatriya)- प्राचीन सिद्धांतों के अनुसार क्षत्रिय वर्ण की उत्पति 
    अग्नि से हुई है। चन्दवरदाई की रचना पृथ्वीराज रासो मे उन्होने अग्निकुला 
    सिद्धांत का वर्णन किया। जिसके अनुसार वशिष्ठ मुनि ने आबू पर्वत पर क्षत्रिय 
    धर्म का निर्माण किया था।

    क्षत्रिय वर्ण के लोगो का कार्य था। रक्षा करना। सभी वर्णो मे सबसे शक्तिशाली 
    तथा वीर योद्धा क्षत्रिय को माना जाता था। ये अपनी वीरता के लिए प्रसिद्ध थे। 
    युद्ध करने वाला तथा सुरक्षा करने वाला वर्ण क्षत्रिय कहलाता था।

    इतिहास और साहित्य मे हुए सभी वीर योद्धा क्षत्रिय माने जाते है। जिसमे- भगवान 
    श्री राम से लेकर महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) सभी योद्धा क्षत्रिय वर्ण 
    के माने जाते थे।

    वैश्य (Vaishya) - वैश्य शब्द एक संस्कृत भाषा का शब्द है। जिसका अर्थ है। 
    रहना/ 'बसना' है। मान्यता के अनुसार इस वर्ण की उत्पति भगवान ब्रह्मा के पेट 
    (उदार) से हुई है।

    हिन्दु धर्म का तीसरा महत्वपूर्ण धर्म वैश्य को माना जाता है। इस वर्ण मे 
    अधिंकांश भारतीय व्यापारी शामिल होते है। इनका प्रमुख व्यवसाय व्यापार करना 
    होता है।

    शूद्र (Shudra)- हिन्दू धर्म के चारो वर्णो मे शूद्र वर्ण के लोगो को अछूत तथा 
    सबसे नीचा दर्जा दिया गया है। शूद्रो मे दलित, हरिजन तथा अन्य अछूती जातीय है।

    जनश्रुति के अनुसार शूद्रो की उत्पति विराट पुरुष के पैरों से उत्पन्न है। 
    यानि ब्रह्मा जी के पैरो से इस वर्ण की उत्पति हुई थी। इसे हम वैज्ञानिक 
    दृष्टिकोण से इसे देखा जाए। तो ये असंभव है। क्योकि पैरो से किसी का जन्म नहीं 
    हो सकता है। परंतु भारतीय ग्रंथो मे इसे सच बताया गया है। भारतीय के अनुसार ये 
    संभव है।

    हिन्दू धर्म को मानवता, सत्य, अहिंसा और स्वयं अवलोकन और मोक्ष (मुक्ति) के 
    लक्ष्य को केन्द्रित धर्म हैं। जो हमे हमारे कष्ट मे हमे हौशला देकर हमारी 
    सहायता करता है। जो हमे अपनी बाधाओ से लड़ना सिखाता है। वर्तमान मे हमारे देश 
    मे सबसे ज्यादा हिन्दू धर्म के अनुनायी निवास करते है।

    आज हमारे देश मे करोड़ो की तादाद मे हिन्दू धर्म के अनुनायी उपस्थित है। हमे 
    अपने धर्म के बनाए गए नियमो के अनुसार चलकर अपने धर्म के हित का कार्य करना 
    चाहिए।

    भारत की संस्कृति और इतिहास का सबसे ज्यादा तथा श्रेष्ठ योगदान हिन्दू धर्म का 
    हैं। हिन्दू धर्म के लोग दूसरों का सम्मान करते है। सभी को हित की बात बताते 
    है।

    हिन्दू धर्म के लोग कभी-भी दूसरे धर्म के लोगो तथा उनके धर्म के बारे मे ऐसी 
    कोई बात नहीं करते है। जिससे दूसरे धर्म का अपमान हो। इसलिए हिन्दू धर्म को 
    सबसे श्रेष्ठ संस्कार का धर्म माना जाता है।

    हमे अपने धर्म पर गर्व होना चाहिए। 

    सुनीता

    एक टिप्पणी भेजें

    Thank You for giving your important feedback & precious time! 😊

    और नया पुराने

    संपर्क फ़ॉर्म