तुम होते कहां

तुम होते कहां
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मैं थाली नहीं हूं जो सबको परोसो
मैं गाली नहीं हूं जो तुम मुझको कोसो।

में जीनत तुम्हारी हूं जन्नत तुम्हारी
कहानी मेरे बिन अधूरी तुम्हारी।

मां बनके मैने किया प्यार तुमको
बन कर के पत्नी दिया प्यार तुमको।

बहन बनके मैने की सेवा तुम्हारी
बेटी बनी मैं सदा आज्ञाकारी।

में जननी हूं मुझसे है सारा जहां
अगर मैं न होती तुम होते कहां।

कफन न दो मुझको तुम चूनर उढ़ाओ
करो प्यार मुझको तुम मुझको सराहो।,,,,,, 

गोपी साजन
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