मां की ममता
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नौ माह के गर्भ को कितनी
पीढ़ा संग सहेज के रखती
देख बस अपना गर्भ खुशी
संग जो सपने जो अपने सहज़ती।।
वो मां होती।।2।।
सम्पूर्ण हुए जो नौ माह उसके
मौत के मुंह से निकल वो एक
नवजीवन को धरा पे ला अपने
बच्चे को देख जो हर्षित होती।।
वो मां होती।।2।।
ममता लुटा बच्चे पे अपना दूध
पीला वो गौरवान्वित ही होती
आंच जो आए उसके बच्चे पे तो
रौद्र रूप भी वो धर जो लड़ लेती।।
वो मां होती।।2।।
खुद की नींद्रा भंग कर हर पल
बच्चे का ख्याल रख मुस्कुरा
उसके हर जरूरत को पूरा कर
खुद चाहे भूखी ही जो सोती।।
हां वो मा होती।।2।।
वीना आडवानी
नागपुर, महाराष्ट्
फोन न...8788312417
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