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    माँ पापा

    हाथ जल गये उनके
    मेरे लिए रोटीया पकाते पकाते , 

    पॉव जल गये उनके
    मेरी खवाहिशो को पुरा करते करते , 

    पर एक शब्द भी इन्होने न कहा कुछ और न मांगा

    बस उनकी एक ही खवाहिश हैं जो की मैं पुरा करुंगा
    उनके बुढ़ापे में मैं उनका सहारा बनूँगा , 

      हर कोशिश उनके लिए करुंगा ,
     उनकी सारी ख्वाहिशो को तब मैं पुरा करुंगा 

                       ✍️राहुल . . . 


    23 टिप्पणियाँ

    Thank You for giving your important feedback & precious time! 😊

    1. ,❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️

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    2. बहुत अच्छा लिखा है

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