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    कर्ण कि गाथा

    कर्ण था सबसे बड़ा दानवीर 
               जिसका गुरु था प्रसूराम 
             परीक्षा में मिला था उसे सराप 

            जिसके कारण अर्जुन और कर्ण 
            में हुआ था युद्ध इसी बीच कर्ण 
             का फसा था रथ अर्जुन ने श्री 

             कृष्ण के कहने पे चलाया था 
             बान श्रापित होने के कारण 
                  गया था उसका प्राण 

             कर्ण था सबसे बड़ा दानवीर 
             कर्ण था सबसे बड़ा धनुर्धर सूत्र 
                       कहलाता था 

            सूर्य के समान वह तेज वान था 
              मामा शकुनी के कहने पर 
           दुर्योधन ने कर्ण को मित्र बनाया था 

           और जीवन भर कर्ण का फायदा 
                          उठाया था  
         पुत्र था वह कुंती का सूत्र पुत्र कहलाया 

          था कर्ण भी छला गया था उस समय 
              कर्ण को तो पता हि नहीं था 
             कि दुर्योधन उसका फायदा 

             उठाएगा और अपने भाइयों से 
             खुद लगवाएगा कर्ण भी कैसे  
           मना करता बचन को जो पका था 

    Om Babu

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