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    सामाजिक समस्याओं पर विचार करना है जरूरी

    हमारे देश में बहुत सारी सामाजिक समस्याएं हैं जो भारत के विकास में बाधा बनी हुई हैं यह सभी समस्याएं समाज द्वारा ही उत्पन्न हुई हैं सामाजिक समस्या पूरी दुनिया भर के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक हैं यहां तक कि कुछ सामाजिक समस्याएं अपराध भी हैं जिनके लिए सरकार ने कई सारे कानून भी बनाए हैं गरीबी और शिक्षा ना होना हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या है प्रत्येक वर्ष 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है जिससे लोगों को जागरूक किया जा सके। 

     गरीबी, बाल विवाह ,बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, लैंगिक असमानता ,आतंकवाद, जाति प्रथा ,बाल मजदूरी, मुद्रा स्फीति, जनसंख्या वृद्धि ,निरक्षरता, दहेज प्रथा। 

    गरीबी एक ऐसी स्थिति है जब एक व्यक्ति को अपने जीवन में घर भोजन और कपड़ों को नहीं प्राप्त कर पाते गरीबी को दूर करने के लिए हर किसी का शिक्षित होना आवश्यक है सरकार द्वारा बच्चों को मुफ्त में शिक्षा का प्रावधान किया गया है बाल विवाह एक सामाजिक अपराध है इसका असर लड़के और लड़कियों के जीवन पर काफी बुरा प्रभाव डालता है कानून द्वारा लड़कियों की उम्र 18 वर्ष तथा लड़कों की उम्र 21 वर्ष शादी के लिए तय की गई है बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है इसी कारण लोग पैसा कमाने के लिए गलत काम करने लग जाते हैं इसको कम करने के लिए सभी का शिक्षित होना जरूरी है हमारी सरकार इसे दूर करने के लिए काफी प्रयास कर रही है जैसे कि शिक्षित और अशिक्षित सभी को नौकरी दे रही है प्रजातंत्रप्रजातंत्र वह शासन है जिसमें जनता द्वारा जनता के हित के लिए जनता की सरकार चुनी जाती है जहां पर सभी को एक समान अधिकार मिलता हैं 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक वोट दे सकते हैं । सरकार लोगों के हक दिलाने के लिए काफी प्रयास कर रही है भुखमरी एक बहुत ही घातक स्थिति है जिसके कारण लोग कुपोषण के शिकार हो रहे हैं भारत में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोग बहुत अधिक है इसलिए यहां भुखमरी ज्यादा है हमारी देश की सरकार भुखमरी को कम करने के प्रयास कर रही है जब कोई व्यक्ति न्याय व्यवस्था के मान्य नियमों के विरुद्ध जाकर अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए गलत आचरण करने लगता है वह भ्रष्टाचारी कहलाता है । देश में बेरोजगारी गरीबी लालच की वजह से भ्रष्टाचार हो रहे हैं इनको रोकने के लिए कई कानून बनाए गए हैं भारत में लैंगिक असमानता के कई कारण हैं लेकिन मुख्य कारण गरीबी ,लिंग ,धर्म और जाति है आज भी कहीं-कहीं महिलाओं को कमजोर माना जाता है वह घर और समाज दोनों जगहों पर शोषण अपमान और भेदभाव से पीड़ित हैं इसे रोकने के लिए सरकार काफी प्रयास कर रही है । आतंकवाद का कोई नियम कानून नहीं होता वह केवल अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार के ऊपर दबाव बनाने के साथ ही आतंक को हर जगह फैलाने के लिए निर्दोष लोगों या समाज पर हमला करते हैं यह मानव जाति के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है हमारे देश में बहुत सारी जातियां हैं उच्च जाति के लोग निम्न जाति के लोगों के साथ उठना बैठना पसंद नहीं करते पुराने समय से निम्न जाति के लोगों को कुए से पानी भरना मंदिर जाना आदि पर पाबंदी थी सरकार जाति प्रथा को कम करने के काफी प्रयास कर रही है। 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे से किसी भी स्थान पर काम करवाना अपराध है बाल मजदूरी एक कलंक है इसे जड़ से खत्म करना चाहिए बाल मज़दूरी गरीबी के कारण बढ़ रही है कानून ने इसे अपराध घोषित किया है और सजा का प्रावधान किया है पिछले वर्षों में मुद्रा स्फीति को आम आदमी द्वारा सामना करते हुए देखा गया है वस्तुओं की बढ़ती कीमतें लोगों के लिए समस्या बन रही हैं खाद्य पदार्थों और मध्यम वर्ग की जेब में इतना प्रभावित किया है सब लोग इससे परेशान हो गए हैं भारत जनसंख्या की दृष्टि में दूसरे नंबर पर है, जनसंख्या वृद्धि का कारण अशिक्षित होना है लोग ये समझ नहीं पा रहे जिसके कारण देश की जनसंख्या में उन्नति हो रही है और देश की उन्नति नहीं हो रही है भारत में आज भी लोग निरक्षर हैं , निरक्षरता हमारे देश के विकास में बाधा उत्पन्न करती है यह एक अभिशाप है सभी लोगों को साक्षर होना जरूरी है पर पढ़- लिखकर ही लोग आगे बढ़ सकते हैं अच्छी नौकरी पाकर पैसा कमा सकते हैं वह अपना अच्छा जीवन यापन कर सकते हैं । दहेज प्रथा एक अभिशाप है लड़के के घर वाले लड़की के घरवालों से दहेज की मांग करते हैं जिसे पूरी ना करने पर उसका परिणाम लड़की को भुगतना पड़ता है इसे रोकने के लिए सरकार ने कई कानून बनाए हैं लेकिन दहेज प्रथा आज भी कहीं-कहीं प्रचलन में है देश की सामाजिक समस्याएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही है जो लोगों के शिक्षित होने पर ही कम हो सकती है । सरकार इन सभी सामाजिक समस्याओं को कम करने के लिए अपनी तरफ से पूरे प्रयास कर रही है कुछ समस्याएं तो अपराध है जिसके लिए कानून बहुत सख्त है हम सभी को भी उन सभी समस्याओं को कम करना होगा जिससे देश की उन्नति हो सके । 

    मात्र 'समाज सुधार' ही सप्ताह का प्रथम दिन है। 

    अंशिका मौर्या 

    3 टिप्पणियाँ

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